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    कैंसर ( cancer ) के लिए हल्दी , गोमूत्र है रामबान


    कैंसर ( cancer ) एक ऐसी बीमारी जो आज के समय में भी लाइलाज ही मानी जाती है क्योंकि अभी भी कैंसर में बचने की सम्भावना कम ही होती है | पाश्चात्यमेडिकल साइंस में अभी तक कीमोथेरेपी ही इसका इलाज है लेकिन यह हमेशा सफल हो यह संभव नहीं है | लेकिन आयुर्वेद के माध्यम से भी हो सकता है कैंसर का इलाज और अब तो बहुत से रिसर्च में भी ये बात सामने आ रही है

     कैंसर को लेकर भ्रम ( Confusion, relating to cancer )

    कुछ लोगो के दिमाग में यह भ्रम है कि सिर्फ गुटखा, तम्बाकू और सिगरेट का सेवन करने वाले लोगो को ही कैंसर होता है, लेकिन ये सच नहीं है | वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट की मानें तो लगभग कैंसर के केस ऐसे हैं जो आनुवंशिक हैं और यह रोग माता पिता से बच्चो में आता है | इसके अलावा आज के समय में फ़ास्ट फ़ूड और उसमें इस्तेमाल किये जाने वाले तरह-तरह के केमिकल्स की वजह से कैंसर का खतरा अधिक बढ़ता है

    इसे भी पड़े :- केंसर क्या है ? कैसे फैलता है ? भारत मे कितने प्रकार के केंसर ? केंसर से बचाव के उपाय


    हल्दी ( Turmeric ) , गोमूत्र ( cow urine ) , पुनर्नवा का  वैज्ञानिक नाम  बोहराविया डिफ्यूज़ा ( boerhaavia diffusa ) से कैसे करे उपचार ,,

    भारतीय लोग तो हल्दी के फ़ायदों से परिचित हैं ही लेकिन अब वैज्ञानिकों ने भी साबित कर दिया है कि हल्दी में कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता होती है.

    हमारे घर में कैंसर के लिए एक बहुत अच्छी दावा है ..अब डॉक्टर ने मान लिया है पहले तो वे मानते भी नही थे; एक ही दुनिया में दावा है Anti-Cancer उसका नाम है ” हल्दी ” । हल्दी कैंसर ठीक करने की ताकत रखती है ! कैसे ताकत रखती है वो जान लीजिये हल्दी में एक केमिकल है उसका नाम है कर्कुमिन (Carcumin) और ये ही कैंसर cells को मार सकता है बाकि कोई केमिकल बना नही दुनिया में और ये भी आदमी ने नही भगवान ने बनाया है ।
    लम्बे समय से यह माना जाता रहा है कि हल्दी में पाए जाने वाले रसायन 'कर्कुमिन' में रोगहारी शक्ति होती है जो गठिया और मनोभ्रंश या डिमेंशिया जैसी बीमारियों के इलाज में प्रभावी सिद्ध हो चुकी है ।

    हल्दी जैसा ही कर्कुमिन और एक चीज में है वो है देशी गाय के मूत्र में । गोमूत्र माने देशी गाय के शारीर से निकला हुआ सीधा-सीधा मूत्र जिसे सूती के आट परत की कपड़ो से छान कर लिया गया हो । तो देशी गाय का मूत्र अगर आपको मिल जाये और हल्दी आपके पास हो तो आप कैंसर का इलाज आसानी से कर पायेंगे ।

    दवाई बनाने की विधि ( Method of making medicines )

    अब देशी गाय का मूत्र आधा कप , आधा चम्मच हल्दी , आधा चम्मच पुनर्नवा तीनो को सही अनुपात मे मिलाके गरम करना जिससे उबाल आ जाये फिर उसको ठंडा कर ले। Room Temperature में आने के बाद रोगी को चाय की तरहा पिलाना है .. चुस्किया ले ले के सिप सिप कर कर । पुनर्नवा  एक  आयुर्वेदिक दावा है  जिसको अगर आधा चम्मच इसमें मिलायेंगे तो और अच्छा result आयेगा । ये Complementary है जो आयुर्वेद के दुकान में पाउडर या छोटे छोटे पीसेस में मिलती है ।

    याद रखें इस दावा में सिर्फ देशी गाय का मूत्र ही काम में आता है विदेशी जर्सी का मूत्र कुछ काम नही आता । और जो देशी गाय काले रंग की हो उसका मूत्र सबसे अच्छा परिणाम देता है इन सब में । इस दवा को (देशी गाय की मूत्र, हल्दी, पुनर्नवा ) सही अनुपात में मिलाके उबालकर ठंडा करके कांच की पात्र में स्टोर करके रखिये पर बोतल को कभी फ्रिज में मत रखिये, धुप में मत रखिये । ये दावा कैंसर के सेकंड स्टेज में और कभी कभी थर्ड स्टेज में भी बहुत अच्छे परिणाम देती है ।

    ध्यान रखें ( Keep in mind )

    जब स्टेज थर्ड क्रोस करके फोर्थ में पहुँच गया हो तब रिजल्ट में प्रॉब्लम आती है । और अगर अपने किसी रोगी को कीमोथेरेपी ( Chemotherapy ) बैगेरा दे दिया तो फिर इसका कोई असर नही आता ! कितना भी पिलादो कोई रिजल्ट नही आता, रोगी मरता ही है । आप अगर किसी रोगी को ये दावा दे रहे है तो उसे पूछ लीजिये जान लीजिये कहीं कीमोथेरेपी ( Chemotherapy ) शुरू तो नही हो गयी ? अगर शुरू हो गयी है तो आप उसमे हाथ मत डालिए, जैसा डॉक्टर करता है करने दीजिये, आप भगवान से प्रार्थना कीजिये उसके लिए .. इतना ही करे ।

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