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    केंसर क्या है ? कैसे फैलता है ? भारत मे कितने प्रकार के केंसर ? केंसर से बचाव के उपाय ,,



    केंसर क्या है ? कैसे फैलता है ? भारत मे कितने प्रकार के केंसर ? केंसर से बचाव के उपाय ,,
    What is cancer?  How does spread?  How many types of cancer in India?  Cancer prevention measures,

    ( इसे भी पड़े :- हल्दी , गोमूत्र , कैंसर के लिए रामबान )

    कैंसर क्या है?

    कैंसर एक किस्म की बीमारी नहीं होती, बल्कि यह कई रूप में होता है। कैंसर के 100 से अधिक प्रकार होते हैं। अधिकतर कैंसरों के नाम उस अंग या कोशिकाओं के नाम पर रखे जाते हैं जिनमें वे शुरू होते हैं- उदाहरण के लिए, बृहदान्त्र में शुरू होने वाला कैंसर पेट का कैंसर कहा जाता है, कैंसर जो कि त्वचा की बेसल कोशिकाओं में शुरू होता है बेसल सेल कार्सिनोमा कहा जाता है।

    कैंसर शब्द ऐसे रोगों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिसमें असामान्य कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं और वे अन्य ऊतकों पर आक्रमण करने में सक्षम होती हैं। कैंसर की कोशिकाओं रक्त और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं।

    कैंसर के मुख्य श्रेणियां

    (1). कार्सिनोमा:- ऐसा कैंसर जो कि त्वचा में या उन ऊतकों में उत्पन्न होता है, जो आंतरिक अंगों के स्तर या आवरण बनाते हैं।
    (2). सारकोमा:- ऐसा कैंसर जो कि हड्डी, उपास्थि, वसा, मांसपेशियों, रक्त वाहिकाओं या अन्य संयोजी ऊतक या सहायक में शुरू होता है।
    (3). ल्युकेमिया:- कैंसर जो कि रक्त बनाने वाले अस्थि मज्जा जैसे ऊतकों में शुरू होता है और असामान्य रक्त कोशिकाओं की भारी मात्रा में उत्पादन और रक्त में प्रवेश का कारण बनता है।
    (4). लिंफोमा और माएलोमा:- ऐसा कैंसर जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं में शुरू होता है।
    (5). केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के कैंसर:- कैंसर जो कि मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ऊतकों में शुरू होता हैं।

    कैंसर शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में फैलता है. सबसे पहले शरीर के किसी एक हिस्से में होने वाले कैंसर को प्राइमरी ट्यूमर कहते है.
    कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिससे शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं. कैंसर शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में फैलता है. सबसे पहले शरीर के किसी एक हिस्से में होने वाले कैंसर को प्राइमरी ट्यूमर कहते है. जिसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाला ट्यूमर मैटास्टेटिक या सेकेंडरी कैंसर कहलाता है.

    1. मैटास्टेटिक कैंसर क्या है? ( What is Metastatic Cancer ?)
    मैटास्टेटिक कैंसर की कोशिकाएं भी प्राइमरी कैंसर के जैसी ही होती हैं. मैटास्टेटिक कैंसर शब्द का इस्तेमाल सोलिड यानी ठोस ट्यूमर के लिए किया जाता है, जो शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका होता है.

    2. कैंसर की 4 मुख्य अवस्थाएं ( 4 main Stages of cancer)

    • पहली और दूसरी अवस्था में कैंसर का ट्यूमर छोटा होता है और आस-पास के टिश्यूज की गहराई में नहीं फैलता है.
    • तीसरी अवस्था में कैंसर विकसित हो चुका होता है. ट्यूमर बड़ा हो चुका होता है और इसके अन्य अंगों में फैलने की संभावना बढ़ जाती है.
    • चौथी अवस्था कैंसर की आखिरी अवस्था होती है. इसमें कैंसर अपने शुरुआती हिस्से से अन्य अंगों में फैल जाता है. इसे विकसित या मैटास्टेटिक कैंसर कहा जाता है.


    3. कैसे फैलता है कैंसर ? ( How does cancer spread ? )

    • कैंसर तीन तरह से शरीर में फैलता है. डायरेक्ट एक्सटेंशन या इंवेजन, जिसमें प्राइमरी ट्यूमर आस-पास के अंगों और टिश्यूज में फैलता है. उदाहरण के लिए प्रोस्टेट कैंसर ब्लैडर तक पहुंच जाता है.
    •  लिम्फेटिक सिस्टम में कैंसर की कोशिकाएं प्राइमरी ट्यूमर से टूट कर शरीर के दूसरे अंगों तक चली जाती हैं. लिम्फेटिक सिस्टम टिश्यूज और अंगों का ऐसा समूह है जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए कोशिकाएं बनाकर इन्हें स्टोर करके रखता है.
    • कैंसर खून से भी फैलता है. इसे हीमेटोजिनस स्प्रैड कहा जाता है, इसमें कैंसर की कोशिकाएं प्राइमरी ट्यूमर से टूट कर खून में आ जाती हैं और खून के साथ शरीर के दूसरे हिस्सों तक पहुंच जाती हैं.

    4. कैंसर के लक्षण ( Symptoms of cancer )

    कैंसर के आम लक्षण हैं वजन में कमी, बुखार, भूख में कमी, हड्डियों में दर्द, खांसी या मूंह से खून आना. अगर किसी भी व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

    5. भारत में कैंसर के प्रकार ( Types of cancer in India )

    भारत में सबसे ज्यादा मुंह, स्तन, सर्वाइकल, फेफड़ों और प्रोस्टेट का कैंसर देखने को मिलता है. जिनमें 60 फीसदी मामले मुंह, स्तन एवं गर्भाशय कैंसर के होते हैं. हालांकि इनका निदान आसान है, लेकिन पूरा इलाज सिर्फ शुरुआती अवस्था में ही संभव है.

    बता दें, भारत में मुंह के कैंसर के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं, इसका मुख्य कारण धूम्रपान और तंबाकू है. इसलिए तंबाकू का सेवन और धूम्रपान न करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं.

    कैंसर का इलाज संभव है ( Cancer treatment possible )
    कैंसर बेशक सारी दुनिया में फैला हुआ है। लेकिन ऐसा नहीं है कि इस बीमारी का इलाज मौजूद नहीं हो। आधुनिक चिकित्‍सा पद्धति के माध्‍यम से कैंसर का इलाज संभव है। बस जरूरत है सही समय पर इसकी पहचान करने की।

    सही समय पर पता लगाने से कैंसर का इलाज संभव है ,
    अपनी दिनचर्या सही रखकर कैंसर से बचा जा सकता है।
    किसी भी प्रकार की अनियमितता नजर आने पर डॉक्‍टर से मिलें।
    कैंसर के इलाज के बाद जरूरी आराम करना आवश्‍यक।

    कैंसर को पहले लाइलाज बीमारी समझा जाता था। इसका मरीज और परिजन स्वयं को असहाय समझते थे। उनके पास मृत्‍यु का इंतजार करने के सिवाय कोई दूसरा विकल्‍प मौजूद नहीं होता था। लेकिन, आधुनिक चिकित्‍सा पद्धति ने इस अवधारणा को तोड़ दिया है कि कैंसर होने के बाद व्‍यक्ति ठीक नहीं हो सकता। कैंसर को मात देकर व्‍यक्ति एक बार फिर स्‍वस्‍थ और लगभग सामान्‍य जीवन व्‍यतीत कर सकता है।

    कैंसर जानलेवा बीमारी है। और सारी दुनिया में लोग इस बीमारी से पीडि़त हैं। इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए डॉक्‍टर और वैज्ञानिक पूरी शिद्दत से लगे हुए हैं।

    कैंसर के 40 से 50 फीसदी मामलों को जीवनशैली में बदलाव कर रोका जा सकता है।
    10 से 20 प्रतिशत कैंसर की रोकथाम स्वयं का निरीक्षण या अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देकर किया जा सकता है। 40 से 50 फीसदी कैंसर के मामलों की रोकथाम वर्ष में एक बार पूर्ण रूप से स्वास्थ्य निरीक्षण कर की जा सकती है।

    अगर कैंसर का पता शुरुआती दौर में लग जाए तो कैंसर का इलाज कर पाना संभव होता है।

    कैंसर की रोकथाम के कुछ उपाय,,


    1. धूम्रपान और शराब से रहें दूर ( Stay away from smoking and alcohol )

    धूम्रपान और शराब को कैंसर का बड़ा कारण माना जाता है। तम्‍बाकू मुंह, फेफड़े और गले के कैंसर का सबसे बड़ा कारण होता है। इसलिए इसका सेवन कम कर कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। वहीं शराब का अधिक सेवन भी कैंसर को जन्‍म देता है।

    2. वसायुक्‍त आहार से रहें दूर ( Stay away from fat diet )
    यदि आपका आहार सही हो, तो आप कैंसर से दूर रह सकते हैं। ज्‍यादा तला-भुना और वसायुक्‍त भोजन आपको कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी दे सकता है। तैलीय भोजन आपको स्‍तन और प्रोस्‍टेट कैंसर दे सकता है। वसायुक्‍त भोजन आपको कैंसर के अलावा भी अन्‍य कई बीमारियां भी दे सकता है।

    3. व्‍यायाम है जरूरी ( Exercise is necessary )
    व्‍यायाम आपको न केवल कैंसर बल्कि कई अन्‍य बीमारियों के खतरे से भी बचाता है। व्‍यायाम करने से आपके शरीर में रक्‍त और ऑक्‍सीजन संचार सुचारू होता है। इससे आपके शरीर से विषैले पदार्थ भी दूर रहते हैं।

    4. रखें सेहत का ध्‍यान ( Keep Care of Health )
    फंगीसाइड, इंसेक्टिसाइड, पेन्ट, क्लीनर आदि के अधिक संपर्क में रहने से आपको कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन उत्‍पादों से दूर रहें। या इन उत्‍पादों का उपयोग करते समय जरूरी सावधानी बरतें।

    5. सनस्‍क्रीन का इस्‍तेमाल ( Sunscreen use )
    सूरजी की पराबैंगनी किरणों के अधिक संपर्क में आने से त्‍वचा के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप घर से बाहर निकलते समय सनस्‍क्रीन का इस्‍तेमाल करें। अच्‍छी क्‍वालिटी और सही एसपीएफ की सनस्‍क्रीन आपके रूप का तो खयाल रखती ही है साथ ही त्‍वचा के कैंसर के संभावित खतरे को भी कम करती है।

    6. प्रोस्‍टेट कैंसर ( prostate cancer )
    पुरुषों में होने वाला यह सबसे सामान्‍य कैंसर है। इस कैंसर को फैलने से रोकने के लिए आपको नियमित जांच करने की जरूरत होती है। यह अपने अंडाकोषों की जांच करते रहें। किसी भी प्रकार की अनियिमतता दिखायी देने पर निसंकोच विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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