पड़े भोजन के बाद सौंफ खाने के कुछ महत्वपूर्ण कारण , चमत्कारी फायदे ओर घरेलु नुस्खे
जड़ी-बूटियों में अपना प्रमुख स्थान रखने वाली सौंफ (Fennel) के पौधे के सभी भाग जैसे जड़, पत्तियां और फल खाने योग्य होते हैं। सौंफ का वैज्ञानिक नाम फोएनिकुलम वल्गार मिलर (Foeniculum Vulgare Miller) है जो अजमोद, गाजर और धनिया आदि से संबंधित है। यह एक बारहमासी पौधा है जिसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसकी पत्तियां पंख के समान पतली-पतली होती हैं जिनका रंग हरा होता है। इस पौधे के तने का रंग भी हरा होता है। सौंफ का पौधा लगभग 4-5 फीट तक लंबा हो सकता है। सौंफ का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं के साथ-साथ भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
"आइए जाने सौंफ में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में"
सौंफ(Fennel) के पोषक तत्व (Fennel nutrients) :-
भारतीय घरों में एक आम प्रथा है कि भोजन के बाद सौंफ का सेवन किया जाता है। आपको देखने में लगता होगा कि सौंफ का उपयोग मुंह को साफ करने के लिए किया जाता है। हां यह सच है, लेकिन इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients) जैसे कि कॉपर, पोटेशियम, कैल्शियम, जिंक, मैंगनीज, विटामिन सी, आयरन, सेलेनियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की अच्छी मात्रा होती है। जो कि मुंह को साफ रखने से कहीं अधिक आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। इनके अलावा भी सौंफ में फाइबर, फॉस्फोरस, फोलेट, पेंटोथेनिक एसिड (pantothenic acid), आयरन और नियासिन आदि भी मौजूद रहते हैं। आइए जाने इतने पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण सौंफ के फायदे हमारे स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार हैं।
भोजन के बाद सौंफ खाने के बेहतरीन फायदे और जबरदस्त नुस्खे (Excellent benefits of eating fennel after eating and tremendous prescriptions) :-
आमतौर पर लोग भोजन के बाद सौंफ खाना पसंद करते हैं, आखिर ये पाचन के लिए फायदेमंद जो होती है। अगर आप भी सौंफ खाना पसंद करते हैं तो आइए, आपको इसके सेवन से होने वाले कुछ अन्य फायदे भी बताते हैं और साथ ही जानिए सौंफ के कुछ चमत्कारी नुस्खे ,
- भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है।
- पांच-छे ग्राम सौंफ लेने से लीवर और आंखों की रोशनी ठीक रहती है। अपच संबंधी विकारों में सौंफ बेहद उपयोगी है। बिना तेल के तवे पर सिकी हुई सौंफ और बिना तली सौंफ के मिक्चर से अपच होने पर बहुत लाभ होता है।
- दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से अपच और कफ की समस्या समाप्त होने में मदद मिलती है।
- अस्थमा और खांसी के उपचार में भी सौंफ का सेवन सहायक है।
- कफ और खांसी होने पर भी सौंफ खाना फायदेमंद होता है।
- गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होने लगते है।
- यह शिशुओं के पेट और उनके पेट के अफारे को दूर करने में बहुत उपयोगी है।
- एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबलने दें और 20 मिनट तक इसे ठंडा होने दें। इससे शिशु के कॉलिक का उपचार होने में मदद मिलती है। शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए।
- सौंफ के पावडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर लेने से हाथों और पैरों की जलन दूर होती है। भोजन के बाद 10 ग्राम सौंफ लेनी चाहिए।
आमतौर पर सौंफ का सेवन करने से कोई गंभीर नुकसान नहीं होते हैं, क्योंकि यह एक आयुर्वेदिक औषधी है। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ नुकसान हो सकते हैं।
- विशेष रूप से उन लोगों को सौंफ का सेवन करने से बचना चाहिए जिन्हें अजवाइन और गाजर आदि की एलर्जी होती है।
- कुछ लोगों में सौंफ के दुष्प्रभाव त्वचा को संवेदनशील बनाने के रूप में देखे जाते हैं।
- गर्भवती महिलाओं को सौंफ का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए।
- क्योंकि गर्भावस्था के दौरान सौंफ के फायदों के प्रमाणित सबूत नहीं है।
- यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो सौंफ का अधिक मात्रा में सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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