Header Ads

  • Breaking News

    चारोली के चमत्कारी औषधिय गुण (Miracle Drug Properties of Charoli) आप ने कभी पड़े नही होंगे


    चारोली के फायदे और नुकसान ( Chironji (Charoli) Benefits and side effects )

    चारोली जिसे हम और आप चिरौंजी के नाम से भी जानते हैं जिसका वैज्ञानिक नाम बुकानानिया लालजान
    (Buchanania lanzan) है। चारोली क बीजों सेवन
    आपको बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्रदान करता है। चारोली के फायदे कई प्रकार से प्राप्‍त किये जा सकते हैं।
    आइये हम इसके बारे में विस्तार से पड़ते है :-

    चारोली (चिरौंजी) क्‍या है (What is Chironji ):-
    इस सूखे मेवे का रंग पीला होता है, ये आमतौर पर हल्‍के भूरे रंग के होते हैं और इसमें काले रंग का बहुत ही कठोर आवरण होता है जिसे तोड़ना मुश्किल होता है। इस कठोर आवरण को तोड़ने के बाद चिरौंजी बीज प्राप्‍त होता है। इनका आकार फ्लैट और गोल होता है। इन बीजों की लंबाई लगभग 1.3 सेमी. होती है। इनका स्‍वाद हल्‍का मीठा होता है इसलिए इन्‍हें मिठाइयों के ऊपर उपयोग किया जाता है। इनका स्‍वाद कुछ हद तक अखरोट (hazelnuts) और पिस्‍ता की तरह होता है।

    चारोली तासीर में ठंडा होता है जिसे गर्मी के समय विशेष रूप से खाने की सलाह दी जाती है। चारोली जिसे कुछ लोग चार के रूप में जानते हैं शरीर को ठंड़ा करने में मदद करता है और शरीर की जलन (burning sensation) को कम करता है। आप त्‍वचा के दोषों को दूर करने के लिए चारोली के तेल (Chironji Oil) का उपयोग कर सकते हैं, यह तेल खुजली, दर्द चकते और अन्‍य त्‍वचा संबंधित समस्‍याओं को दूर करने में मदद करता है। चारोली के फायदे घावों को ठीक करने, ग्रंथियों की सूजन (swelling of glands) और अन्‍य समस्‍याओं का उपचार करने के लिए एंटिसेप्टिक के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

    चारोली के घरेलू नुस्खों से पाएं कई समस्याओं से निजात (Find home remedies from Charoli's home remedies):-

    चारोली का इस्तेमाल वैसे तो आमतौर पर मिठाईयां बनाने में किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल सेहत और सौन्दर्य समस्याओं से निजात पाने के लिए भी हो सकता है, जो कम ही लोगों को मालूम होगा। आइए, आपको बताते हैं चारोली के इस्तेमाल के कुछ बेहतरीन नुस्खे -

    1. मुंहासे (Acne)
    नारंगी और चारोली के छिलकों को दूध के साथ पीस कर इसका लेप तैयार कर लें और चेहरे पर लगाए। इसे अच्छी तरह सूखने दें और फिर खूब मसल कर चेहरे को धो लें। इससे चेहरे के मुंहासे गायब हो जाएंगे। अगर एक हफ्ते तक प्रयोग के बाद भी असर न दिखाई दे तो लाभ होने तक इसका प्रयोग जारी रखें।

    2. गीली खुजली (Wet itching)
    अगर आप गीली खुजली की बीमारी से पीड़ित हैं तो 10 ग्राम सुहागा पिसा हुआ, 100 ग्राम चारोली, 10 ग्राम गुलाब जल इन तीनों को साथ में पीसकर इसका पतला लेप तैयार करें और खुजली वाले सभी स्थानों पर लगाते रहें। ऐसा करीबन 4-5 दिन करें। इससे खुजली में काफी आराम मिलेगा व आप ठीक हो जाएंगे।

    3. चमकती त्वचा (Flashing skin)
    चारोली को गुलाब जल के साथ सिलबट्टे पर महीन पीस कर लेप तैयार कर चेहरे पर लगाएं। लेप जब सूखने लगे तब उसे अच्छी तरह मसलें और बाद में चेहरा धो लें। इससे आपका चेहरा चिकना, सुंदर और चमकदार हो जाएगा। इसे एक सप्ताह तक हर रोज प्रयोग में लाए। बाद में सप्ताह में दो बार लगाते रहें। इससे आपका चेहरा लगेगा हमेशा चमकदार।

    4. शीत पित्ती (Cold chill)
    शरीर पर शीत पित्ती के ददोड़े या फुंसियां होने पर दिन में एक बार 20 ग्राम चिरौंजी को खूब चबा कर खाएं। साथ ही दूध में चारोली को पीसकर इसका लेप करें। इससे बहुत फायदा होगा। यह नुस्खा शीत पित्ती में बहुत उपयोगी है।

    चारोली (चिरौंजी) के पोषक तत्‍व (Charoli Nutritional Value):-
    चारोली के फायदे इसके पोषक तत्‍वों के आधार पर बहुत ज्‍यादा होते हैं जो हमे बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्‍व इस प्रकार हैं :

    फैट (Fat)
    विटामिन ए (Vitamin A)
    विटामिन सी (vitamin C)
    कैल्शियम (Calcium)
    आयरन (Iron)
    अनाकार्डिक एसिड (Anacardic acid) पानी में घुलनशील
    लिनोलिक (Linoleic)
    प्रोटीन (Protein)
    मेलिइक एसिड (Maleic acid)
    कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)
    अमीनो अम्‍ल (amino acids)

    चारोली बीज के उपयोग  (Uses of Charoli Seeds):- 

    खाने के लिए उपयोग किये जाने वाले ड्राई फूड्स में प्रमुख रूप से चारोली का उपयोग किया जाता है। वैसे तो आप इन बीजों का सेवन सामान्‍य रूप से सेवन किया जा सकता है पर इसे अन्‍य रूप से अपने आहार को पौष्टिक बनाने और स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। जो इस प्रकार हैं :-


    • मिठाईयों को सुदंर रूप देने के लिए चारोली बीजों का उपयोग किया जाता है।
    • चारोली वीज बादाम का अच्‍छा विकल्‍प होता है, इसलिए जिस तरह आप बादाम का सेवन करते हैं उसकी जगह पर चारोली बीजों का भी सेवन किया जा सकता है।
    • चिरौंजी बीजों के तेल का उपयोग खाना बनाने के लिए भी किया जाता है, यह बादाम तेल और जैतून के तेल के विकल्‍प के रूप में भी उपयोगी होता है।
    • इस का उपयोग विशेष रूप से खीर में उपयोग किया जाता है जो इसके स्‍वाद को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
    • यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए चारोली बीज के पाउडर का उपयोग दूध के साथ मिला कर उपयोग किया जाता है।
    • आप अपने सुबह के नाशते में चिरौंजी के कुछ बीजों को शामिल कर सकते हैं, यह आपको अधिक ऊर्जा दिलाने में मदद करता है।
    • चारोली बीजों का उपयोग मसालों के रूप में भी किया जाता है जो आपके व्‍यंजनों को स्‍वादिष्‍ट बनाता है।
    • इसके बीजों को पीस कर मोटी सॉस तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है, साथ ही इसका उपयोग ग्रेवी को गाढ़ा बनाने के लिए भी किया जाता है।
    • चारोली बीजों का उपयोग आप सूप, सलाद और मांस व्‍यंजनों में छिड़कने (sprinkler) के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।

     चारोली खाने के नुकसान (Side effects on Chirongi's health):-
    आपने जाना कि चारोली के फायदे क्‍या हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते है जिनकी जानकारी होना आपके लिए बहुत जरूरी है। वैसे तो चारोली खाने के फायदे बहुत अधिक है पर इससे होने वाले नुकसान इस प्रकार हैं :

    1. दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है (Irregular Heartbeat)
    इस फल में पोषक तत्‍वों की भरपूर मात्रा होने के साथ-साथ पोटेशियम भी अधिक मात्रा में होता है जो आपके दिल की धड़कनों को नियंत्रित करता है। यदि आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह आपके दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है जो आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक हो सकता है।

    2. लिवर में सूजन (Liver Inflammation)
    अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वाले व्‍यक्तियों को चारोली के बीजों का सेवन ज्‍यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए। चारोली में उ‍पस्थित लाइकोपीन ( lycopene ) की अधिक मात्रा शराब के साथ क्रिया कर सकती है जिसके परिणामस्‍वरूप लिवर की सूजन हो सकती है।

    3. दस्‍त (Diarrhea)
    यह सही है कि चारोली आपके शरीर में हाइड्रेशन को बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन यदि आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह दस्‍त का कारण बन सकता है। यदि आप एंटीबायोटिक दवाओं और एंटासिड्स (antibiotics and antacids) जैसी दवाएं ले रहे हैं, तो इससे पाचन तंत्र संबंधी समस्‍याएं बढ़ सकती है।

    4. उच्‍च ग्‍लूकोज स्‍तर (High Glucose Level)
    यदि आप मधुमेह रोगी हैं और चारोली के बीजों का सेवन कर रहें तो कम मात्रा में सेवन करने पर इसके कोई नुकसान नहीं है, पर यदि आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं तो यह आपके ग्‍लूकोज के स्‍तर (glucose levels) को बढ़ा सकता है जो आपके लिए खतरा बन सकता है। इसलिए मधुमेह रोगी को कम मात्रा में ही चारोली के बीजों का सेवन करना चाहिए।

    कोई टिप्पणी नहीं

    Next post

    पड़े लौंग का औषधिय उपयोग , लौंग में मोजूद पोषक तत्व व लौंग के नुकसान ....

    लौंग (Cloves) वानस्पतिक नाम :- सियाजियम अरोमटीकम (Syzygium aromaticum) ; अंग्रेजी :- क्लोव (Cloves ) के  नामक मध्यम कद वाले सदाबहार वृक्ष...

    Post Top Ad