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    पड़े लौंग का औषधिय उपयोग , लौंग में मोजूद पोषक तत्व व लौंग के नुकसान ....

    लौंग (Cloves) वानस्पतिक नाम :- सियाजियम अरोमटीकम (Syzygium aromaticum) ; अंग्रेजी :- क्लोव (Cloves) के  नामक मध्यम कद वाले सदाबहार वृक्ष की सूखी हुई पुष्प कलिका है। लौंग का अंग्रेजी पर्यायवाची क्लोव (clove) है, जो लैटिन शब्द क्लैवस (clavus) से निकला है। इस शब्द से कील या काँटे का बोध होता है, जिससे लौंग की आकृति का सादृश्य है। लौंग एक प्रकार का मसाला है। इस मसाले का उपयोग भारतीय पकवानो मे बहुतायत मे किया जाता है। इसे औषधि के रूप मे भी उपयोग मे लिया जाता है।

    लौंग के पौध,फल व फूल की संरचना (Clove plant, fruit and flower structure) :-
    बीज में पौधे धीरे धीरे पनपते हैं, इसलिए नर्सरी के पौधे जब 4 फुट ऊँचे हो जाते हैं तब उन्हें वर्षा के आरंभ होते ही 20-30 फुट की दूरी पर लगा देते हैं। पहले वर्ष तेज धूप एवं हवा से पौधों को हानि पहुंचती है। छठें वर्ष फूल लगने आरंभ हो जाते हैं तथा 12 से 25 वर्ष तक अच्छी उपज होती है, पर 150 वर्ष तक वृक्ष से थोड़ा बहुत लौंग मिलता रहता है : प्रत्येक वृक्ष से ढाई से तीन किलोग्राम तक लौंग निकलता है।
    लौंग के फल गुच्छों में सूर्ख लाल रंग के खिलते हैं, किन्तु पुष्प खिलने के पहले ही तोड़ लिए जाते हैं। ताजी कलियों का रंग ललाई लिए हुए या हरा रहता है। लौंग के चार नुकीले भाग बाह्यदल (sepal) हैं तथा अंदर के गोल हिस्से में दल (petal) और उनसे ढँका हुआ आवश्यक भाग है, पुमंग (ardroecium) एवं जायांग (gynaeceum)। नीचे का हिस्सा फूल का डंठल है। जैसे ही इन कलियों का रंग हल्का गुलाबी होता है एवं वे खिलती है, इन्हें चुन चुनकर हाथ से तोड़ लिया जाता है। कभी कभी पेड़ के नीचे कपड़ा बिछा देते हैं और शाखा को पीटकर इन कलियों को गिरा देते हैं। अच्छे मौसम में इन्हें धूप में सूखा लेते हैं, किंतु बदली होने पर इन्हें आग पर सूखाते हैं। कभी कभी कलियों को सुखाने से पहले गरम पानी से धो लेते हैं। सुखाने के बाद केवल 40 प्रतिशत लौंग बचता है।

    लौंग का उपयोग (Use cloves) :-
    लौंग को पीसकर, या साबुत खाद्य पदार्थ में डालने से, वह सुगंधमय हो जाता है, अत: भिन्न भिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को सुवासित करने के लिए इसका उपयोग मसाले की तरह करते हैं। दाँत का मंजन, साबुन, इत्र वेनिला तथा पौधों की आंतरिक रचना देखने के लिए एवं दवा के रूप में इस तेल का उपयोग होता है। लौंग के फल एवं फूल के डंठल का भी कभी कभी उपयोग किया जाता है।

    लौंग में मोजूद पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम (Nutrients present in cloves per 100 grams) :–

    पोषक तत्व मात्रा
    सोडियम 277mg
    पोटेशियम 1020 mg
    कार्बोहाइड्रेट 66 gm
    प्रोटीन 6 gm
    विटामिन A 3%
    कैल्शियम 63%
    आयरन 65%
    मैग्नीशियम 64%
    फाइबर 34 gm

    लौंग का औषधिय उपयोग (Pharmaceutical use of cloves) :-
    लौंग की हमारे भारतीय मसालों में मुख्य जगह है, इससे खाने को नया स्वाद, खुशबू मिलती है. लौंग खाने के अलावा औषधि के रूप में भी इस्तेमाल की जाती है. छोटे से छोटे व बड़े बड़े रोगों को लौंग झट से ठीक कर देती है. आईये आगे हम आप को लोंग के कुछ घरेलू नुस्खे बताते है जिससे आप अपना कर बहुत लाभ ले सकते है

    लौंग के स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ लौंग के तेल में एंटीऑक्सीडेंट, रोग प्रतिरोधी, जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीसेप्टिक, विरोधी भड़काऊ और एनाल्जेसिक गुण होते है. आयुर्वेद व चीनी चिकित्सा में लौंग के सूखे फूल की कलि, पत्ती, तना से तेल निकाला जाता है, फिर इस तेल का प्रयोग दवाई के लिए होता है. लौंग, लौंग का पाउडर व लौंग का तेल ये सभी बाजार में आसानी से मिल जाता है. इन सभी चीजों के अलग अलग फायदे है.

    लौंग के फायदे (Benefits of cloves) :-

    दांत दर्द कम करे (Reduce toothache) :– 
    दांत दर्द में सबसे पहला आसान व असरदार तरीका होता है लौंग व उसका तेल. लौंग में मौजूद तत्व दांत दर्द व मसूड़ों की सुजन को कम करते है, इसके उपयोग से जल्दी से आराम मिलता है. इसके साथ ही ये इन्फेक्शन को फैलने से रोकता है.

    1. कॉटन में थोडा सा लौंग का तेल लें, उसे दांत में दर्द वाले स्थान पर घिसें, इसके अलावा आप 2 लौंग पाउडर में ओलिव आयल मिलाकर उसे दर्द वाले स्थान में लगायें.
    2. अगर आपके पास लौंग की पत्तियां है, तो उसे दर्द वाले स्थान में दांतों के बीच दबा लें कुछ देर बाद अलग कर दें, आराम मिल जायेगा.

    मुंह की दुर्गन्ध दूर करे (Remove mouth odor) :– 
    साँस से आने वाली बदबू को लौंग के प्रयोग से दूर किया जा सकता है. लौंग मुंह में जो बैक्टीरिया दुर्गन्ध पैदा करते है, उसे मार देता है. ये इन्फेक्शन को दूर कर, मुंह के हर हिस्से को स्वस्थ रखता है.

    1. 1-2 लौंग को मुंह में रखकर कुछ देर चबाएं, दुर्गन्ध गायब हो जाएगी.
    2. इसके अलावा आप लौंग को पानी में उबालकर ठंडा कर लें, अब इस पानी से दिन में 2-3 बार गरारे करें.

    जी मचलाना व उलटी की परेशानी दूर करे (Get rid of nausea and vomiting) :– 
    लौंग की खुशबू से जी मचलाना व उलटी की परेशानी, घबराहट दूर होती है. गर्भधारण के समय औरतों को सुबह उठते साथ ही अजीब लगता है, दिन में भी कई बार जी मचलाता है, लौंग से ये परेशानी दूर होती है.

    1. एक साफ रुमाल में लौंग के तेल की कुछ बूंदे डालें, अब इसे ख़राब लगने पर थोड़ी थोड़ी देर में सूंघते रहें. इसके अलावा आप 1-2 लौंग चबा भी सकते है.
    2. उलटी रोकने के लिए, लौंग पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर खाएं. इसके अलावा 1 गिलास गुनगुने पानी में कुछ बूदें लौंग तेल की डाल कर धीरे धीरे पियें.

    पाचनतंत्र सही रखे (Keep digestive system correct) :– 
    लौंग में मौजूद प्रॉपर्टीज पाचन सही रखने में सहायक है. लौंग से पेट दर्द, एसिडिटी, गैस, उलटी, मरोड़, डायरिया की शिकायत दूर होती है.

    1. आप लौंग को खाने के बाद खा सकते है, 
    2.  इसे मसाले के रूप में खाना बनाते समय उपयोग कर सकते है.

    जोड़ो का दर्द दूर करे (Relieve joint pain) :–
    लौंग का तेल जोड़ो में होने वाले दर्द को दूर करता है, इसके साथ ही मसल का दर्द, गाठिया का दर्द भी ये कम करता है. इसमें कैल्शियम, ओमेगा 3 एसिड व आयरन की अधिकता होती है, जिससे इसे लगाने से हड्डियाँ व जोड़ मजबूत होते है.

    1. लौंग के तेल में थोड़ा सा ओलिव आयल मिलाकर दर्द वाली जगह में मसाज करें. दिन में इसे कई बार करें.
    2. लौंग को सेंक लें, इसे एक साफ कपड़े में बाँध लें, अब इसे कपड़े से दर्द वाली जगह की सिकाई करें.

    रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये (Increase immunity) :–
    इसके प्रयोग से साधारण सा सर्दी जुखाम, वायरल, गले में इन्फेक्शन, सांस की परेशानी ठीक हो जाती है.

    1. सर्दी होने पर रोज लौंग वाली चाय दिन में 2-3 बार पियें.
    2. गर्म पानी में लौंग तेल की कुछ बूँदें डालकर उससे भाप लें.
    3. रोज 2-3 लौंग चबाएं.

    सर दर्द ठीक करे (Cure headaches) :–
    माइग्रेन, सर्दी या परेशानी से होने वाले सर दर्द में लौंग का प्रयोग सबसे अच्छा होता है. लौंग के तेल से बहुत जल्दी आराम मिलता है

    1. एक कपड़े या टिशु में लौंग के तेल की कुछ बूंदे डालें, इसे सर पर रखकर 15 min छोड़ दें.
    2. ओलिव आयल, नारियल तेल, समुद्री नमक 1-1 चम्मच लें, इसमें कुछ बूंदे लौंग के तेल की डालें, इससे सर की मसाज करें आराम मिलेगा.

    कान दर्द ठीक करे (Cure earache) :–
    कान दर्द या कान के कोई इन्फेक्शन को लौंग का तेल ठीक कर देता है.

    1. लौंग व तिल का तेल बराबर मात्रा में मिलाएं. कॉटन को तेल में भिगोयें और इसे कान में लगायें. कुछ ही देर में दर्द ठीक हो जायेगा.
    2. ¼ ओलिव आयल लें, इसमें लौंग का पाउडर मिलाएं. इसे हल्का गुनगुना करें. इसे छान कर तेल की कुछ बूँदें कान में डालें.

    मुहांसे ठीक करे (Cure acne) :–
    लौंग मुहासे, पिम्पल, ब्लैक हेड, दाग धब्बे दूर करता है. इससे इन्फेक्शन भी मिट जाता है.

    1. 1 चम्मच नारियल तेल में 1-2 बूँदें लौंग तेल की डालें, इसे कॉटन से दिन में 2 बार चेहरे पर लगायें.

    स्ट्रेस कम करे (Reduce stress) :–
    लौंग की खुशबू से मन शांत होता है, स्ट्रेस कम होता है.

    1. लौंग के तेल की कुछ बूंदे अपने नहाने वाले पानी में डालें, अब आराम से कुछ देर नहायें. रिलैक्स फील होगा.
    2. आप लौंग की चाय पीकर भी स्ट्रेस कम कर सकते है.

    कई समस्याओं को दूर भगाए, लौंग की चाय (Take away many problems, clove tea) :-
    अगर आप चाय के शौकीन हैं तो आपको अलग-अलग फ्लेवर की चाय पीना भी पसंद आता होगा। ऐसे में आपको लौंग की चाय जरूर पीकर देखना चाहिए, स्वाद के अलावा ये सेहत से जुड़ी खासकर मसूड़ों और दांतों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर भगाने में कारगर होती है। 

    लौंग की चाय के यह फायदे (The benefits of clove tea) :-
    1. किसी भी तरह कि ओरल प्रॉब्लम होने पर लौंग वाली चाय पीना बहुत फायदेमंद होता है। इसके नियमित सेवन से मसूड़ों और दांतों से जुड़ी  परेशानियां दूर हो जाती हैं, क्योंकि ये मुंह में मौजूद बैक्टीरिया साफ करने में मदद करती हैं।
    2. अगर आपका गला खराब हो, गले में खराश हो, खांसी या जुकाम हो जाए, तो ऐसे में लौंग की चाय पिना बेहद लाभकारी होगा।
    3. अगर आप बुखार से पीड़ि‍त हैं, तो लौंग की चाय पीना आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। इसका प्रयोग करने से आपका बुखार अधि‍क समय तक नहीं टिक पाएगा और नेचुरल तरीके से ठीक हो जाएगा।
    4. शरीर के अंगों और मांस पेशि‍यों में होने वाले दर्द से निजात पाना चाहते हैं, तो लौंग की चाय जरूर पिएं। इसके अलावा अगर आप चाहें तो ! लौंग की चाय से दर्द वाले स्थान की सिकाई कर सकते हैं। इससे आपको काफी फायदा होगा
    5. पाचन संबंधी समस्याओं में लौंग की चाय असरकारक है। पेट में एसिडि‍टी होने और पाचन तंत्र की धीमी गति होने पर लौंग की चाय पीना काफी फायदेमंद होता है। इससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से कार्य करता है।
    6. दांतों में दर्द होने पर अक्सर लौंग के तेल का प्रयोग किया जाता है। लेकिन लौंग की चाय भी इसके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसके अलावा कफ और गले के विकारों के लिए भी लौंग की चाय लाभदायक है।
    7. लौंग में मैग्नीशियम पाया जाता है, इसलिए इसकी चाय पिने से बैक्टीरियल इंफेक्शन खत्म होने में मदद मिलती है और इम्यूनिटी पावर भी बढ़ता है।
    लौंग के नुकसान (Clove side effects) :–

    1. इससे ब्लीडिंग अधिक होती है.
    2. ब्लड में शुगर का लेवल कम कर देता है.
    3. ज्यादा खाने से विषेले तत्व शरीर में इकठ्ठे होने लगते है.
    4. एलर्जी होने लगती है.
    5. लौंग व उसके तेल के बहुत से फायदे है, लेकिन इसके नुकसान भी है, अधिक इस्तेमाल से ये हानि देते है. कई तरह की एलर्जी होने लगती है. आप इसे एक सिमित मात्रा में सोच समझ कर इस्तेमाल करें.


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