जीरे के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी , घरेलू नुस्खे , हमे यकीन है आप इस ब्लॉग को पढ़ कर , जीरे का उपयोग सुरु कर देंगे
जीरा (वानस्पतिक नाम:क्यूमिनम सायमिनम) ऍपियेशी परिवार का एक पुष्पीय पौधा है।
जीरा 2 प्रकार का होता है- सफेद जीरा जो हम मसाले और छौंकने में प्रयोग करते हैं। दुसरा काला जीरा जो प्रायः औषधीय कार्यों में ही प्रयोग होता है। यह पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर भारत तक के क्षेत्र का देशज है।
- सफेद जीरा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब में बोया जाता है। सर्दी के अंत में इस पौधे पर फूल और फल आते हैं।
- काला जीरा पर्वतीय फसल है। यह कश्मीर ,कुमायूं ,गढ़वाल ,उत्तरी हिमालय तथा अफगानिस्तान और ईरान में बोया जाता है। इसमें एक तेल होने के कारण इसकी गंध बहुत तीखी होती है।
पौध की रचना (The plant composition) :-
जीरा का पौधा 30–50 से॰मी॰ (0.98–1.64 फीट) की ऊंछाइ तक बढ़ता है और इसके फ़लों को हाथ से ही तोड़ा जाता है। यह वार्षिक फ़सल वाला मुलायम एवं चिकनी त्वचा वाला हर्बेशियस पौधा है। इसके तने में कई शाखाएं होती हैं एवं प्रत्येक शाखा की 2-3 उपशाखाएं होती हैं एवं सभी शाखाएं समान ऊंचाई लेती हैं । जिनसे ये छतरीनुमा आकार ले लेता है । इसका तना गहरे हरे रंग का सलेटी आभा लिये हुए होता है। इन पर 5-10 सेंमी की धागे जैसे आकार की मुलायम पत्तियां होती हैं। इनके आगे श्वेत या हल्के गुलाबी वर्ण के छोटे-छोटे पुष्प अम्बेल आकार के होते हैं। प्रत्येक अम्बेल में 5-7 अम्ब्लेट होती हैं।
जीरे का रसोई में स्तेमाल (Use of cumin in the kitchen) :-
इसके प्रत्येक फल में स्थित एक बीज वाले बीजों को सुखाकर बहुत से खानपान व्यंजनों में साबुत या पिसा हुआ मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह दिखने में सौंफ की तरह होता है। संस्कृत में इसे जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला। भारतीय व्यंजनों को अधिक स्वादिष्ट बनाने में मसाले महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लगभग हर घर में मिलने वाले ये मसाले स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद हैं। जीरा भी ऐसा ही मसाला है। अगर हम यह कहे कि जीरा स्वास्थ्य के लिए हीरे से कम नहीं है, तो कुछ गलत नहीं होगा।
जीरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in cumin) :-
मात्रा प्रति 100 g
कैलोरी (kcal) 374
कुल वसा 22 g ,संतृप्त वसा 1.5 g , बहुअसंतृप्त वसा 3.3 g ,मोनोअसंतृप्त वसा 14 g
कोलेस्टेरॉल 0 mg
सोडियम 168 mg
पोटैशियम 1,788 mg
कुल कार्बोहायड्रेट 44 g ,आहारीय रेशा 11g, शर्करा 2.3 g
प्रोटीन 18 g
विटामिन ए 1,270 IU विटामिन सी 7.7 mg
कैल्सियम 931 mg आयरन 66.4 mg
विटामिन डी 0 IU विटामिन बी६ 0.4 mg
विटामिन बी१२ 0 µg मैग्नेशियम 366 mg
जीरा के फायदे (Benefits of Cumin)
इस सुगंधित मसाले को प्राचीन काल से औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन होता है, जिस कारण यह पाचन में सहायक होता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। हम विस्तार से सेहत के लिए जीरा के फायदे बताएंगे।
सेहत के लिए जीरा के फायदे (Health Benefits of Cumin) :-
1. पाचन शक्ति के लिए जीरा के फायदे Cumin for Digestion
- आजकल लोगों की जैसी जीवनशैली और खान-पान है, ऐसे में पेट का ठीक रहना मुश्किल है। सही वक्त पर खाना न खाने और खाने के बाद न टहलने के कारण गैस व अपच जैसी समस्या हो जाती हैं। नतीजतन, पाचन शक्ति का कमजोर होना। ऐसे में अगर आप अपने आहार में जीरा को शामिल करें, तो पाचन शक्ति में काफी हद तक सुधार हो सकता है । इसलिए, आप एसिडिटी, गैस या अपच होने पर जीरे के पानी का सेवन कर सकते हैं।
- मेथी, अजवाइन, जीरा और सौंफ 50-50 ग्राम और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर पीस लें। एक चम्मच रोज सुबह सेवन करें। इससे शुगर, जोड़ों के दर्द और पेट के विकारों से आराम मिलेगा।
हल्की-फुल्की सर्दी-जुकाम या बुखार होना आम बात है। ऐसे में जरूरी नहीं कि आप तुरंत दवा लें, उसकी जगह आप घरेलू उपाय आजमाएं। कई बार सर्दी-जुकाम होने पर बार-बार छींक आने या नाक में असहज महसूस होने की शिकायत होती है। इस स्थिति में आप मुट्ठीभर जीरे को भूनकर कपड़े में बांध लें और थोड़ी-थोड़ी देर बाद उसे सूंघते रहें। इसके अलावा, अगर आपको ठंड या बुखार है, तो जीरे के पानी को गुड़ के साथ पी सकते हैं। जीरे की तासीर गर्म होती है, ऐसे में इसके सेवन से आप बुखार से भी बच सकते हैं ।
3. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जीरा के फायदे -- Benefits of cumin for disease resistance
प्रत्येक व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए आप भोजन में जीरे को शामिल कर सकते हैं। इसमें इम्यूनोमॉडलट्री गुण (Immunomodulatory) होते हैं, जिस कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है ।
4. वजन कम करने के लिए जीरा के फायदे -- Cumin for Weight Loss
तला-भूना व जंक फूड खाना और व्यायाम न करना आदि कई कारण हैं, जिससे लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। वहीं, शोध के अनुसार जीरा वजन कम कर सकता है। वजन कम करने के लिए इसका प्रभाव उतना ही होता है, जितना ओर्लिस्टेट 120 (orlistat 120) और प्लेसिबो (कैप्सूल) का होता है। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म पर भी असर कर सकता है । जीरा पाउडर के सेवन से मोटापे की शिकार महिलाओ में वजन कम होता देखा गया है ।
5. एनीमिया के लिए जीरा के फायदे -- Benefits of cumin seeds for anemia
सही और स्वस्थ आहार न लेना, आयरन की कमी होना व कई अन्य कारणों से आजकल कई लोग एनीमिया से जूझ रहे हैं। इसकी वजह से शरीर कमजोर होने लगता है, चक्कर आने लगते हैं और देखते ही देखते शरीर कई अन्य समस्याओं से घिर जाता है। अगर वक्त रहते एनीमिया पर ध्यान न दिया जाए, तो परेशानी और बढ़ भी सकती है। अगर इस समस्या में आप जीरे का सेवन करेंगे, तो एनीमिया से बचा जा सकता है, क्योंकि जीरे में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है । इसलिए, अपने आहार में जीरा शामिल करें।
6. पेट दर्द के लिए जीरा के फायदे -- Benefits of cumin for stomach ache
पेट दर्द कभी भी और किसी भी कारण से हो सकता है। अगर आपको भी पेट दर्द या पेट से जुड़ी समस्या है और आप इस कारण दर्द निवारक दवाइयां खाने के आदी हैं, तो आप अपनी डाइट में जीरा शामिल करें। जीरा पेट दर्द, डायरिया, पेट के कैंसर व पेट से जुड़ी अन्य परेशानियों से बचाव कर सकता है । यहां तक कि यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (पेट की समस्या) से भी राहत दिलाता है। आप जीरे को खाने में मसाले के तौर पर या फिर जीरे का पानी भी पी सकते हैं। अगर पेट की समस्या ज्यादा बढ़े, तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
7. हार्ट अटैक के खतरे को कम करे -- Reduce the risk of heart attack
कालाजीरा हार्ट अटैक के खतरे को खत्म कर देता है। 2-2 ग्राम काले जीरे का पाउडर शहद में मिलाकर सुबह शाम चाटिये।
8. मधुमेह के लिए जीरा के फायदे -- Benefits of cumin seeds for diabetes
मधुमेह से निपटने के लिए आप सही आहार के साथ-साथ जीरा को भी डाइट में शामिल करें। जिन्हें डायबिटीज नहीं है, जीरे के सेवन से उनमें इसका खतरा कम हो सकता है। वहीं, जिन्हें मधुमेह है, उनका शुगर स्तर संतुलित रहेगा। जीरा ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है और शरीर में उचित ब्लड कंटेंट के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए वरदान है ।
9. दमे के मरीजों को इसके भरपूर लाभ मिलते हैं। इसमें थायमोक़्यीनॉन नामक एक खास तत्व होता है जो दमे को रोकने बहुत कारगर है।
10. मासिक धर्म में जीरा के फायदे -- Benefits of cumin in menstrual period
मासिक धर्म के समय मूड स्विंग्स, पेट में ऐंठन, मतली, पेट में दर्द जैसी समस्याएं लगभग हर महिला को होती हैं। वहीं, कुछ महिलाओं को अनियमित महावारी से जूझना पड़ता है। इस अवस्था में कुछ महिलाएं दवाइयां खाती हैं, जो सही नहीं है। आगे चलकर इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में पौष्टिक आहार लेने के साथ-साथ जीरे का सेवन कर सकते हैं। इसमें दर्द निवारक और ऐंठन को कम करने के गुण हैं, जिस कारण यह पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिला सकता है ।
11. जीरा गर्भवती नारी के लिए वरदान -- A boon for cumin seed pregnant women
गर्भ के दौरान कब्ज होती है, जिसके कारण बवासीर हो जाना आम बात है। कभी कभी खूनी बवासीर भी हो जाती है। ऐसी दशा में 1-1 चम्म्च जीरा, सौंफ और धनिया लीजिये रात में भीगा दीजिये एक गिलास पानी में। सवेरे इस पानी को उबालिये और आधा पानी जल जाय तो एक चम्मच देशी घी मिलाकर पी लीजिये। यह काम सुबह शाम पांच दिनों तक कीजिये।
त्वचा के रोगों से बचाये जीरा (Cumin relief from skin diseases) :-
1. फोड़े के उपचार के लिए जीरा के फायदे --- Benefits of cumin for the treatment of boils
जीरे का नियमित सेवन या उपयोग करने से त्वचा को फोड़े-फुंसियों, रैशेज व पिंपल से बचाया जा सकता है। इसका कारण यह है कि इसमें क्यूमिनडिहाइड(Cuminaldehyde), थाइमोल और फास्फोरस जैसे घटक होते हैं । जो अच्छे डिटॉक्सिफाइंग एजेंट होते हैं। ये मल व मूत्र के माध्यम से शरीर से विषाक्त पदार्थों को नियमित रूप से हटाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, जीरे का पानी पीने से पेट व पाचन शक्ति सही रहती है। जब आपका पेट साफ रहता है, तो न सिर्फ आप बीमारियों से बचे रहते हैं, बल्कि त्वचा पर पिम्पल और दाग-धब्बे भी नहीं होते हैं। इसलिए, आप जीरे का पानी पिएं या जीरे को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल करें। आप जीरा पाउडर को रायते में भी डाल सकते हैं।2. खुजली और शरीर के तापमान व अन्य त्वचा संबंधी रोग के लिए --- For itching and body temperature and other skin related diseases
- कई बार लोगों को बदलते मौसम या प्रदूषण की वजह से शरीर में खुजली की समस्या हो जाती है। वहीं, कुछ लोगों के शरीर का तापमान कम-ज्यादा हो जाता है। अगर आप भी कुछ ऐसी ही समस्या से पीड़ित हैं, तो आप जीरे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप उबले हुए पानी में जीरा डाल दें। फिर जब पानी ठंडा हो जाए, तो उस पानी से स्नान करें ।
- हमारे शरीर में विभिन्न कारणों से गंदगी आ जाती है जिसे शरीर पसीने और फुंसियों के रूप में बाहर निकालता है। जीरे का नियमित इस्तेमाल शरीर की शोधन करने की प्रक्रिया को तेज करता है और गंदगी मुंहासों और फुंसियों के तौर पर बाहर नहीं आती। आपकी त्वचा साफ और सुंदर बनी रहती है।
- जीरे में विटामिन E भरपूर मात्रा में होता है जिससे यह त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत कारगर होता है। इसमें प्राकृतिक तेल होने के साथ साथ एंटी फंगल गुण होते हैं जिनसे त्वचा इंफेक्शन से बची रहती है।
- इसमें त्वचा संबंधी बीमारियों जैसे एग्ज़िमा और सोराइसिस को ठीक करने के गुण होते हैं। जीरा पाउडर को आप अपने फेसपैक में भी मिला सकते हैं।
- इसमें पाया जाने वाला विटामिन E त्वचा पर होने वाले उम्र के असर को कम करता है।
- अगर आपको हथलियों में कुछ गर्मी महसूस हो रही हो तो जीरे को पानी में उबालकर ठंडा करके प्यास लगने पर पी लीजिए। अगर आप हर बार गुनगुना जीरा पानी पी सकें तो फायदा दुगुनी तेजी से होगा।
- जीरे के उपयोग से बना फेसपैक बहुत फायदेमंद होता है। इसे हल्दी के साथ मिक्स करके बनाया जाता है। जीरा पावडर और हल्दी को शहद के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सूखने तक रखना होता है। इससे त्वचा नर्म और उजली बनती है।
- जीरे के उपयोग से रूसी से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसे आप अपने तेल में थोड़ा गर्म करके इस गुनगुने तेल से सिर पर मसाज कीजिए और रूसी से छुटकारा पा लीजिए।
- जीरा सौंदर्य बढता है। जीरा उबाल लें और छानकर ठंडा करें। उस पानी से रोजाना मुख धुलिये। चेहरा खिल उठेगा।
- जीरा दूध बढ़ाता है। खीर में मेवे की जगह 1 चम्मच जीरा डालिये। ये खीर खाने से दूध बढ़ जाएगा।
- जीरा गहरी नींद लाता है। सोते समय भूनकर पिसे जीरे के चूर्ण को गरम दूध से फांक लीजिये, 4 ग्राम देखिये कितनी अच्छी नींद आती है।
- आपको ब्लड -प्रेशर भी है, एसिडिटी भी है, भूख भी नहीं लगती तो जीरे की शरण में जाइये। 100 ग्राम जीरा ग्राम काली मिर्च और 125 मिश्री या बूरा मिला कर पीस लीजिये ,1-1 चम्म्च पानी से निगल लीजिये सुबह शाम दोनों समय। कम से कम एक माह तक लगातार।
- जीरा कैंसर से बचाता है ,हर हाल में दोनों समय जीरा भोजन में प्रयोग कीजिये। जीरा हीमोग्लोबिन भी बढ़ाता है और प्रतिरोधक क्षमता भी।
- जीरा हमारी त्वचा का सबसे अच्छा मित्र है। जीरे का पतला लेप बनाइये, इस पेस्ट को साबुन की तरह पुरे बदन पर खूब मलिए। फिर सादे पानी से बिना साबुन के नहा लीजिये। सप्ताह में कम से कम एक बार इस क्रिया को करते रहने से चर्म रोग आपसे कोसों दूर रहेगी।
- जीरा मुंह की बदबू भी दूर करता है। भुने हुए जीरे को चबा-चबाकर चूसिये।
- खट्टी डकारें आ रही हो तो भुने हुए जीरे के चूर्ण में सेंधा नमक मिलाकर गर्म पानी से निगलिये, 1-1 घंटे के पर 3 बार लेना काफी होगा।
- जीरा उल्टियां भी रोकता है। 2 ग्राम जीरे के चूर्ण को एक गिलास पानी में डालिये, स्वाद के अनुसार सेंधा नमक और नीबू मिलाइये और पी लीजिये ,तुरंत उलटी रुक जायेगी।
- पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा हो तो 2-3 ग्राम जीरे का चूर्ण शहद मिलाकर चाट लीजिये, 10 मिनट में ही दर्द गायब हो जाएगा।
- जीरा पेट के कीड़े भी मारता है। 2 ग्राम भुने हुए जीरे का चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह चटाइए। कीड़े मल के साथ बाहर निकल जायेंगे।
- जीरे से एक पाचक चूर्ण आप घर में बनाकर रखिये-जीरा सौंफ धनिया 50-50 ग्राम लीजिये और भून लीजिये फिर इसमें 50 ग्राम अनारदाना, 25 ग्राम काला नमक, 10 ग्राम सेंधा नमक मिलाइये और सबके वजन के बराबर चीनी मिलाइये। एक साथ महीन पीस लीजिये अब इस मिश्रण में 3 नीबू का रस मिला दीजिये। तैयार हो गया पाचक चूर्ण। सुबह शाम 1-1 चम्म्च खाइये या आवश्यकतानुसार खाइये।
- जीरे से मंजन भी बनता है जो मसूड़ा सूज जाए तो बहुत काम आता है। 20 ग्राम जीरा भून लीजिये उसमे 20 ग्राम सेंधा नमक मिलाइये और महीन पीस लीजिये, अब इससे मंजन करिये दांत मजबूत होंगे, मसूड़ों की सूजन खत्म होगी। 100 तरह के पेस्ट पर यह 1 मंजन भारी है।
- नवजात शिशु के मर जाने पर माता के स्तनों का दूध सुखाने के लिए काले जीरे को पानी में पीस कर लेप कर देना चाहिए ,अन्यथा या तो दूध बहता रहेगा या स्तनो में ही एकत्र होकर गांठ का रूप ले लेगा।
- जहरीले बिच्छू आदि के काटने पर जीरे के चूर्ण और नमक को बराबर मात्रा में मिला कर फिर उसमे घी मिलाकर मलहम बनाइये और काटे हुए स्थल पर लेप कर दीजिये। जहर उतर जायेगा।
- बहुत पुराना बुखार हो या मलेरिया हो, काले जीरे का 2-3 ग्राम पाउडर गुड मिला कर खा लीजिये। सुबह दोपहर शाम 3 बार, बुखार गायब।
- जीरा आयरन का सबसे अच्छा स्रोत है। इसे नियमित रूप से खाने से खून की कमी दूर हो जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए जीरा अमृत का काम करता है।
- जीरा, अजवाइन, सौंठ, कालीमिर्च, और काला नमक अंदाज से लेकर इसमें घी में भूनी हींग कम मात्रा में मिलाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है। पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
- जीरा, अजवाइन और काला नमक का चूर्ण बनाकर रोजाना एक चम्मच खाने से तेज भूख लगती है।
- 3 ग्राम जीरा और 125 मि.ग्रा. फिटकरी पोटली में बांधकर गुलाब जल में भिगो दें। आंख में दर्द होने पर या लाल होने पर इस रस को टपकाने से आराम मिलता है।
- दही में भुने जीरे का चूर्ण मिलाकर खाने से डायरिया में आराम मिलता है।
- जीरा में थोड़ा-सा सिरका डालकर खाने से हिचकी बंद हो जाती है।
- जीरे को गुड़ में मिलाकर गोलियां बनाकर खाने से मलेरिया में लाभ होता है।
- एक चुटकी कच्चा जीरा खाने से एसिडिटी में तुरंत राहत मिलती है।
- डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए एक छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ लेने से लाभ होता है
- कब्जियत की समस्या हो तो जीरा, काली मिर्च, सौंठ और करी पाउडर को बराबर मात्रा में लें और मिश्रण तैयार कर लें। इसमें स्वादानुसार नमक डालकर घी में मिलाएं और चावल के साथ खाएं। राहत मिलेगी।
- पके हुए केले को मैश करके उसमें थोड़ा-सा जीरा मिलाकर रोजाना रात के खाने के बाद लें। अनिद्रा की समस्या दूर हो जाएगी।
- इसमें एंटीसेप्टिक तत्व भी पाया जाता है। सीने में जमे हुए कफ को बाहर निकलने के लिए जीरे को पीसकर फांक लें। यह सर्दी-जुकाम से भी राहत दिलाता है।
- हींग को उबाल लें। इस पानी में जीरा, पुदीना, नींबू और नमक मिलाकर पिलाने से हिस्टीरिया के रोगी को तत्काल लाभ होता है।
- थायराइड (गले की गांठ) में 1 कप पालक के रस के साथ 1 चम्मच शहद और 1/4 चम्मच जीरा पाउडर मिलाकर पीने से लाभ होता है।
- प्रसूति के पश्चात जीरे के सेवन से गर्भाशय की सफाई हो जाती है।
- खुजली की समस्या हो तो जीरे को पानी में उबालकर स्नान करें। राहत मिलेगी।
- एक गिलास ताजी छाछ में सेंधा नमक और भुना हुआ जीरा मिलाकर भोजन के साथ लें। इससे अजीर्ण और अपच से छुटकारा मिलेगा।
- आंवले की गुठली निकालकर पीसकर भून लें। फिर उसमें स्वादानुसार जीरा, अजवाइन, सेंधा नमक और थोड़ी-सी भुनी हुई हींग मिलाकर गोलियां बना लें। इन्हें खाने से भूख बढ़ती है। इतना ही नहीं, इससे डकार, चक्कर और दस्त में लाभ होता है।
- एक चम्मच जीरा भूनकर रोजाना चबाने से याददाश्त अच्छी रहती है।
- जिनको अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या अन्य सांस संबंधी समस्या है, उन्हें जीरे का नियमित प्रयोग किसी भी रूप में करना चाहिए
- दक्षिण भारत में लोग अक्सर जीरे का पानी पीते हैं। उनके अनुसार, इसके सेवन से मौसमी बीमारियां नहीं होतीं और पेट भी तंदुरुस्त रहता है। 50 ग्राम जीरे में 50 ग्राम मिश्री मिलाकर पीसकर पाउडर बना लें। इसे सुबह-शाम एक चम्मच सेवन करें। बवासीर में आराम मिलेगा।
हर चीज के अगर फायदे हैं, तो उसके अति उपयोग से नुकसान भी हो सकता है। यहां हम जीरा के दुष्प्रभाव बता रहे हैं।
- जीरे की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को जीरे का सेवन डॉक्टरी की सलाह के बाद ही करना चाहिए
- अगर किसी को जीरे से एलर्जी है या कोई पहली बार जीरे का सेवन कर रहा है, तो थोड़ी सावधानी के साथ इसका सेवन करें, क्योंकि इससे त्वचा पर रैशेज या एलर्जी हो सकती है।
- इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
- पीरियड्स के दौरान इससे फायदा हो सकता है, लेकिन अत्यधिक सेवन से उल्टा रक्तस्त्राव ज्यादा हो सकता है।
- इसके ज्यादा सेवन से सीने में जलन और लिवर व किडनी की समस्या हो सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं