माँ के हाथों का स्वाद — की याद दिलाती रेसिपी "करेले की कढ़ी"
यह रही "करेले की कढ़ी"
भारतीय भोजन संस्कृति में कढ़ी का एक विशेष स्थान है, जहाँ दही और बेसन के मेल से बनने वाली यह डिश हर क्षेत्र में अलग-अलग स्वाद और अंदाज़ में पेश की जाती है। वहीं, करेला — जो अपने तीखे कड़वे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है — स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर एक अनोखी सब्ज़ी है। जब इन दोनों का संगम होता है, तो बनती है करेले की कढ़ी — एक ऐसी विशिष्ट और पौष्टिक व्यंजन जो स्वाद में अनूठी और शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। करेला अपने औषधीय गुणों जैसे रक्त शुद्धिकरण और मधुमेह नियंत्रण के लिए जाना जाता है, और जब इसे कढ़ी के हल्के खट्टेपन के साथ मिलाया जाता है, तो इसका कड़वाहट संतुलित होकर एक बेहतरीन स्वाद का अनुभव देती है। यह रेसिपी पारंपरिक स्वाद प्रेमियों के लिए एक नायाब तोहफा है, जो स्वास्थ्य और स्वाद दोनों को एक साथ पाना चाहते हैं।
यह रही करेले की कढ़ी की पूरी विस्तृत रेसिपी:
सामग्री (Ingredients):
कढ़ी के लिए:
- दही (खट्टा) – 1 कप
- बेसन – 2 से 3 बड़े चम्मच
- हल्दी पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- पानी – 3 से 4 कप
करेले के लिए:
- करेला – 3 से 4 मध्यम आकार के
- नमक – 1 छोटा चम्मच (कड़वाहट कम करने के लिए)
- तेल – तलने के लिए
तड़का (Tempering) के लिए:
- तेल या घी – 2 बड़े चम्मच
- राई (सरसों के दाने) – 1 छोटा चम्मच
- जीरा – 1 छोटा चम्मच
- मेथी दाने – 1/2 छोटा चम्मच (वैकल्पिक)
- हींग – 1 चुटकी
- करी पत्ते – 7-8 पत्ते
- सूखी लाल मिर्च – 2-3
- अदरक – 1 छोटा चम्मच (कद्दूकस किया हुआ)
- हरी मिर्च – 1-2 (कटी हुई)
विधि (Method):
1. करेला तैयार करना:
- करेलों को धोकर पतले-पतले गोल स्लाइस में काट लें।
- उन पर थोड़ा नमक छिड़ककर 15-20 मिनट अलग रख दें ताकि कड़वाहट कम हो जाए।
- फिर करेलों को अच्छे से निचोड़ लें और हल्का धोकर सुखा लें।
- अब एक कड़ाही में तेल गर्म करें और करेलों को कुरकुरा सुनहरा होने तक तल लें।
(स्वस्थ विकल्प के लिए आप करेलों को भून भी सकते हैं या बेक कर सकते हैं।)
2. कढ़ी घोल बनाना:
- एक बाउल में दही और बेसन डालकर अच्छे से फेंटें ताकि गांठ न रहे।
- उसमें हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और नमक मिलाएं।
- फिर इसमें धीरे-धीरे पानी मिलाते हुए पतला घोल तैयार करें।
3. कढ़ी पकाना:
- एक गहरे तले वाले बर्तन में यह कढ़ी का घोल डालें।
- मध्यम आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं ताकि दही फटने न पाए।
- जब कढ़ी में उबाल आ जाए, तो आंच धीमी कर दें और 15-20 मिनट तक पकने दें, बीच-बीच में चलाते रहें।
- जब कढ़ी गाढ़ी हो जाए और कच्चे बेसन की गंध चली जाए, तब उसमें तले हुए करेला डाल दें।
- 5-7 मिनट और पकाएं ताकि करेलों का स्वाद कढ़ी में अच्छे से मिल जाए।
4. तड़का लगाना:
- एक छोटी कड़ाही में तेल या घी गर्म करें।
- उसमें राई, जीरा, मेथी दाना डालें।
- जब ये चटकने लगे, तो हींग, करी पत्ते, सूखी लाल मिर्च, अदरक और हरी मिर्च डालें।
- कुछ सेकंड भूनें और फिर यह तड़का तैयार कढ़ी पर डाल दें।
परोसने का तरीका (Serving Suggestion):
- गरम-गरम करेली की कढ़ी को भात (चावल), फुल्का, या बाजरे की रोटी के साथ परोसें।
- ऊपर से थोड़ा हरा धनिया छिड़कने से स्वाद और सुगंध दोनों बढ़ जाते हैं।
विशेष सुझाव (Tips):
- अगर करेला बहुत ज़्यादा कड़वा हो, तो पहले उबाल कर भी प्रयोग कर सकते हैं।
- आप स्वादानुसार इसमें थोड़ा गुड़ डाल सकते हैं, जिससे कढ़ी में हल्की मिठास और करेला की कड़वाहट का संतुलन बन जाता है।
- कढ़ी जितनी धीमी आंच पर और लंबे समय तक पकेगी, स्वाद उतना ही बेहतरीन आएगा।
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