"सेहत का कड़वा लेकिन असरदार घूंट – करेला जूस!"
करेले का जूस, जिसे हिंदी में "करेले का रस" भी कहा जाता है, एक पारंपरिक भारतीय पेय है जो अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए जाना जाता है। करेला (बिटर गार्ड या बिटर मेलन) स्वाद में कड़वा जरूर होता है, लेकिन आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों में इसे एक प्राकृतिक औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके रस का सेवन विशेष रूप से मधुमेह (डायबिटीज), पाचन समस्याओं, त्वचा रोगों और यकृत से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी माना जाता है। यह प्रस्तावना करेले के जूस के महत्व, उसके पोषण मूल्य और दैनिक जीवन में इसके उपयोग की भूमिका को उजागर करने का प्रयास है।
करेले का जूस एक सेहतमंद पेय है, जिसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। नीचे इसकी विस्तृत रेसिपी दी गई है:
सामग्री (Ingredients):
- करेला – 2 मध्यम आकार के
- नींबू का रस – 1 छोटा चम्मच (स्वादानुसार)
- पानी – 1 से 1.5 कप
- काला नमक / सेंधा नमक – स्वादानुसार
- अदरक का टुकड़ा – 1 छोटा (वैकल्पिक)
- पुदीने की पत्तियाँ – 4–5 (वैकल्पिक, स्वाद और ताजगी के लिए)
विधि (Instructions):
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करेले की सफाई और तैयारी:
- करेले को धोकर छील लें।
- बीच से काटकर बीज निकाल दें।
- छोटे टुकड़ों में काट लें और थोड़े से नमक के साथ 15-20 मिनट के लिए अलग रख दें ताकि कड़वाहट कुछ कम हो जाए।
- इसके बाद अच्छी तरह से पानी से धो लें।
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जूस बनाना:
- अब करेले के टुकड़ों को मिक्सी/ब्लेंडर में डालें।
- साथ में अदरक और पुदीने की पत्तियाँ (यदि उपयोग कर रहे हों) डालें।
- 1 कप पानी डालें और अच्छी तरह पीसें।
- तैयार मिश्रण को छान लें (चाहें तो बिना छाने भी पी सकते हैं)।
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स्वाद बढ़ाना:
- छाने हुए रस में नींबू का रस और काला नमक मिलाएँ।
- आप चाहें तो बर्फ के टुकड़े भी डाल सकते हैं।
टिप्स:
- शुरुआत में इसका स्वाद कड़वा लग सकता है, इसलिए थोड़ा नींबू और पुदीना डालना बेहतर होता है।
- सुबह खाली पेट पीने से ज्यादा लाभ होता है, विशेषकर मधुमेह रोगियों के लिए।
- अत्यधिक मात्रा में सेवन न करें – हफ्ते में 2-3 बार पर्याप्त होता है।
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