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    पड़े तुलसी के पौधे के चमत्कारी औषधिय , धार्मिक गुणो व घरेलू उपयोग जिससे आप स्वस्थ रह सकते है


    जिस जगह Tulsi के पौधे बहुत अधिक होते है, वह की हवा शुद्ध होती है और उस घर से सभी तरह की बीमारिया दूर रहती है । तुलसी का पवित्र पौधा एक ऐसा पौधा है,धार्मिक मान्यता के अलावा, तुलसी स्वास्थ की नजर से बहुत लाभकारी है. कहते है घर के आँगन में तुलसी होने से रोग विरोग घर में प्रवेश नहीं कर पाते है।
    "आज हम आप को बताते है तुलसी के बारे में ओ सभी महत्वपूर्ण बातें जो आप के बहुत काम की है" ।

    पौध संरचना (Plant structure) :-
    तुलसी - (ऑसीमम सैक्टम) एक द्विबीजपत्री तथा शाकीय, औषधीय पौधा है। जिसका वैज्ञानिक नाम :- वैज्ञानिक नाम Ocimum tenuiflorum है।  यह झाड़ी के रूप में उगता है और 1 से 3 फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ बैंगनी आभा वाली हल्के रोएँ से ढकी होती हैं। पत्तियाँ 1 से 2 इंच लम्बी सुगंधित और अंडाकार या आयताकार होती हैं। पुष्प मंजरी अति कोमल एवं 8 इंच लम्बी और बहुरंगी छटाओं वाली होती है, जिस पर बैंगनी और गुलाबी आभा वाले बहुत छोटे हृदयाकार पुष्प चक्रों में लगते हैं। बीज चपटे पीतवर्ण के छोटे काले चिह्नों से युक्त अंडाकार होते हैं। नए पौधे मुख्य रूप से वर्षा ऋतु में उगते है और शीतकाल में फूलते हैं। पौधा सामान्य रूप से दो-तीन वर्षों तक हरा बना रहता है। इसके बाद इसकी वृद्धावस्था आ जाती है। पत्ते कम और छोटे हो जाते हैं और शाखाएँ सूखी दिखाई देती हैं। इस समय उसे हटाकर नया पौधा लगाने की आवश्यकता प्रतीत होती है।

    तुलसी की मुख्य प्रजातियाँ (Main species of basil) :-
    तुलसी की सामान्यत , निम्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं ,
    1. काली तुलसी / गम्भीरा या मामरी (ऑसीमम अमेरिकन)
    2. मरुआ तुलसी / मुन्जरिकी या मुरसा।(ऑसीमम वेसिलिकम)
    3. राम तुलसी / वन तुलसी / अरण्यतुलसी(आसीमम ग्रेटिसिकम)
    4. कर्पूर तुलसी (ऑसीमम किलिमण्डचेरिकम)
    5. श्री तुलसी / कृष्णा तुलसी (ऑसीमम सैक्टम)
    इनमें ऑसीमम सैक्टम को प्रधान या पवित्र तुलसी माना गया जाता है,
    इसकी भी दो प्रधान प्रजातियाँ हैं- श्री तुलसी जिसकी पत्तियाँ हरी होती हैं तथा कृष्णा तुलसी जिसकी पत्तियाँ निलाभ-कुछ बैंगनी रंग लिए होती हैं। श्री तुलसी के पत्र तथा शाखाएँ श्वेताभ होते हैं जबकि कृष्ण तुलसी के पत्रादि कृष्ण रंग के होते हैं। गुण, धर्म की दृष्टि से काली तुलसी को ही श्रेष्ठ माना गया है, परन्तु अधिकांश विद्वानों का मत है कि दोनों ही गुणों में समान हैं। तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और लोग इसे अपने घर के आँगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं। भारतीय संस्कृति के चिर पुरातन ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों एवं उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है। इसके अतिरिक्त ऐलोपैथी, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं में भी तुलसी का किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है।

    तुलसी का धार्मिक महत्व (Religious importance of basil) :-
    तुलसी को विष्णु प्रिये कहा जाता है. हिन्दुओ के प्रत्येक शुभ कार्य में इसका विशेष स्थान है, और भगवान् के प्रशाद में सदेव इसका का प्रयोग होता है. भारत के हर हिन्दू घर और मंदिर में ये पौधा मिलता है. हिन्दुओ में इसे घर में लगाना बहुत शुभ माना जाता है. 
         तुलसी की पूजा अर्चना हर हिन्दू स्त्री सुबह करती है.
    हमारे भारत देश में तुलसी को देवी मानते है, व उनकी विधि विधान से पूजा करते है । तुलसी विवाह एक बहुत फेमस त्यौहार है, जो दीवाली के बाद वाली देव उठनी एकादशी यानि ग्यारस में मनाया जाता है । तुलसी को हिन्दू, भगवान को प्रसाद के साथ जरुर चढ़ाते है , तुलसी का प्रयोग बहुत सी दवाइयों में भी होता है ।

    तुलसी माला का महत्व (Importance of Tulsi Mala) :-
    तुलसी माला 108 गुरियों की होती है। एक गुरिया अतिरिक्त माला के जोड़ पर होती है इसे गुरु की गुरिया कहते हैं। तुलसी माला धारण करने से ह्रदय को शांति मिलती है।

    बीज व पत्ती में पाये जाने वाले पोषक तत्त्व (Nutrient content found in seeds and leaves) :-
    तुलसी में अनेक जैव सक्रिय रसायन पाए गए हैं, जिनमें ट्रैनिन, सैवोनिन, ग्लाइकोसाइड और एल्केलाइड्स प्रमुख हैं। अभी भी पूरी तरह से इनका विश्लेषण नहीं हो पाया है।
    प्रमुख सक्रिय तत्व हैं एक प्रकार का पीला उड़नशील तेल जिसकी मात्रा संगठन स्थान व समय के अनुसार बदलते रहते हैं। 0.1 से 0.3 प्रतिशत तक तेल पाया जाना सामान्य बात है। 'वैल्थ ऑफ इण्डिया' के अनुसार इस तेल में लगभग 71 प्रतिशत यूजीनॉल, बीस प्रतिशत यूजीनॉल मिथाइल ईथर तथा तीन प्रतिशत कार्वाकोल होता है। श्री तुलसी में श्यामा की अपेक्षा कुछ अधिक तेल होता है तथा इस तेल का सापेक्षिक घनत्व भी कुछ अधिक होता है।

    तुलसी के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in basil seeds) :-
    तुलसी बीजों में हरे पीले रंग का तेल लगभग 17.8 प्रतिशत की मात्रा में पाया जाता है। इसके घटक हैं कुछ सीटोस्टेरॉल, अनेकों वसा अम्ल मुख्यतः पामिटिक, स्टीयरिक, ओलिक, लिनोलक और लिनोलिक अम्ल। तेल के अलावा बीजों में श्लेष्मक प्रचुर मात्रा में होता है। इस म्युसिलेज के प्रमुख घटक हैं-पेन्टोस, हेक्जा यूरोनिक अम्ल और राख। राख लगभग 0.2 प्रतिशत होती है।
    तेल के अतिरिक्त पत्रों में लगभग 83 मिलीग्राम प्रतिशत विटामिन सी एवं 2.5 मिलीग्राम प्रतिशत कैरीटीन होता है।

    तुलसी के पत्ते में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in basil leaves) --
    1 कप यानि 42 ग्राम तुलसी के पत्तों में निम्न पोषक तत्व पाए जाते हैं ,
    क्र.म. पोषक तत्व मात्रा
    1. प्रोटीन 1.3 ग्राम
    2. पानी 38.7 ग्राम
    3. ऐश 0.6 ग्राम
    4. कुल कैलोरी   9.8
    5. कार्बोहाइड्रेट्स 1.1 ग्राम
    6. कुल फैट 271 mg
    7. कैल्सियम 75 mg
    8. आयरन 1.3 mg
    9. सोडियम 1,7 mg
    10. पोटैशियम 125 mg
    11. मैग्नीशियम 27 mg
    12. फॉस्फोरस 24 mg
    13. विटामिन A C E K B6 क्रमशः (2237 iu, 7.6 mg, 339 mcg, 176 mcg, 66 mcg)

    कई युगों से तुलसी को एक औषधि के रूप में भी देखा जाता है, इसकी पत्तियों से लेकर फल तना सब, कुछ ना कुछ फायदा देते हैं ।
    हम इसका प्रयोग घर पर भी आसानी से कर बहुत से रोगों से छुटकारा पा सकते है । जो निम्न प्रकार है ,,

    तनाव दूर करे (Relieve stress) :–
    • एक शोध के अनुसार तुलसी शरीर में तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन को बाहर निकालता है. इसे एंटी स्ट्रेस एजेंट भी कहा जाता है. तुलसी हमारी सभी कोशिकाओं को सामान्य रूप से चलने में मदद करती है, खून का संचार अच्छे से करती है. अधिक तनाव होने पर डॉक्टर भी तुलसी खाने की सलाह देते है. ज्यादा तनाव होने पर 10-12 तुलसी दिन में 2 बार चबाएं, तनाव बहुत हद तक कम होगा ।
    पथरी की समस्या दूर करे (Solve the problem of calculus) :–
    • किडनी में पथरी होने पर तुलसी के द्वारा उस समस्या ने निजात मिल सकता है. किडनी में पथरी मुख्य रूप से खून में यूरिक एसिड बढ़ने से होती है. तुलसी इस यूरिक एसिड को कम करने में सक्षम है. तुलसी में मौजूद तेल इस स्टोन को नष्ट करता है व तुलसी एक तरह की दर्द निवारक भी है, इसलिए यह किडनी स्टोन में होने वाले दर्द से भी आराम देता है. इसलिए यह पथरी की समस्या को दूर करने के लिए घरेलू इलाज है ।
    कैसे उपयोग करें (How to use) :– तुलसी के रस को निकालकर उसमें शहद मिलाएं. अब इसे कम से कम 6 महीने तक रोज पियें. किडनी से पथरी बिना किसी इलाज के बाहर निकल जाएगी.

    कैंसर जैसी भयानक बीमारी दूर करे (Remove the terrible disease like cancer) :–
    • तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होने के कारण ये ब्रैस्ट कैंसर व तम्बाकू से होने वाले मुंह के कैंसर में आराम देती है. रोज तुलसी चबाने से कैंसर की कोशिकाएं शरीर में बढ़ नहीं पाती है ।
    धूम्रपान छोड़ने में मददगार (Helpful to quit smoking) :- 
    • तुलसी में एंटी स्ट्रेस एजेंट होते है, जो स्मोकिंग छोड़ने में भी मदद करते है. तनाव कम होने से सिगरेट पीने की इच्छा कम होती है, जिससे आप स्मोकिंग आसानी से त्याग सकते है. जब ही सिगरेट पीने की इच्छा जागे तुलसी की कुछ पत्तियां लेकर चबाने लगे कुछ ही समय में आपकी ये इच्छा गायब हो जाएगी. इसके अलावा तुलसी चबाने से एक और फायदा है, इतने सालों से जो स्मोकिंग से आपके शरीर को नुकसान हुआ है वो तुलसी से रिकवर हो जाता है ।
    सिरदर्द मिटाए (Erase headache) :–
    • किसी भी कारण से होने वाले सिरदर्द को तुलसी की पत्ती ठीक कर सकती है. तुलसी में दर्द मिटने के तत्व होते है जिसे खाने से बहुत हद तक आपको सभी तरह के दर्द से आराम मिलेगा ।
    कैसे उपयोग करें (How to use) :– एक पतीले में पानी लें, उसमे कुछ तुलसी की पत्तियां डालें, अब इसे उबालें. थोडा ठंडा कर इसमें टॉवल भिगोकर निचोड़े अब इसे अपने सिर में बांध लें. बहुत जल्द सिरदर्द ठीक हो जायेगा. इसके अलावा आप तुलसी की पत्ती की जगह उसमें तुलसी का तेल भी डाल सकते है.

    तुलसी दस्त उलटी दूर करे (Remove tulsi diarrhea) :–
    • दस्त होने पर तुलसी की कुछ पत्तियों को पीस कर उसमें शहद व जीरा पाउडर मिलाएं अब इसे मरीज को हर 2 घंटे में दें. बहुत आराम पाएंगे. इसके अलावा उलटी होने पर तुलसी के रस में अदरक का रस व छोटी इलायची का पाउडर मिलाकर पीना चाहिए. दस्त की समस्या से निजात पाने के लिए यह घरेलू इलाज है.

    तुलसी के त्वचा के लिए फ़ायदे (Tulsi Leaves Benefits for Skin) :-
    जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं ,,
    कई कॉस्मेटिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियां अपने उत्पाद में तुलसी को एक घटक के रूप में इस्तेमाल करती हैं क्योकि इसमें एंटी- बैकटीरिया गुण होते हैं. जोकि बैक्टीरिया से त्वचा की रक्षा करते हैं.
    • तुलसी की पत्तियों को सूखा खाने या जूस के रूप में खाने से यह खून साफ़ करता है, जिससे आपकी त्वचा निखरती व glow करती है. साथ ही इससे मुहांसे की परेशानी भी ठीक हो जाती है, और त्वचा हेल्थी बनती है.
    • बेसन और तुलसी के पेस्ट को त्वचा में लगाने से काले धब्बे साफ हो जाते हैं. तुलसी के पत्ते को त्वचा में रगड़ने से भी काले धब्बे हट जाते हैं.
    • तुलसी के पत्तों को सरसों के तेल के साथ तब तक उबालें जब तक यह काला ना हो जायें. फिर इसे ठंडा कर अपनी त्वचा में लगाये. ऐसा ठंड के मौसम में करने से त्वचा तुरंत हील हो जाती है.
    • आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार तुलसी स्किन की बड़ी से बड़ी परेशानी को हल करने में सक्षम है. इसके लिए तुलसी के पेस्ट को चेहरे पर नियमित रूप से लगायें.
    तुलसी के बालों के लिए फ़ायदे (Tulsi Leaves Benefits for Hair) :-
    जोकि इस प्रकार हैं ....
    • बालों के झड़ने का मुख्य कारण रुसी और खुजली ही है ऐसे में रोज़ाना लगाये जाने वाले में कुछ बूँद तुलसी के तेल की डालकर लगाया जाए तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है.
    • तुलसी हिबिस्कस और नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर लगाने से आपकी जड़ो में खुजली नहीं होती और बाल झड़ने की भी समस्या हल होती है.
    • रोज़ाना तुलसी के तेल से मालिश करने से बालों को ऊर्जा प्राप्त होती है.
    • आपको तुलसी खानी भी चाहिए या तुलसी का जूस पीना चाहिए, क्योकि इससे भी बालों को फायदा होता है.
    • तुलसी पाउडर को नारियल तेल में मिलाकर बालों की जड़ो में मसाज करें. कुछ ही दिन में आपके बाल लम्बे घने चमकदार हो जायेंगें.
    कुछ अन्य तुलसी पत्ते के घरेलू नुस्खे से फायदे (Benefits from some other Tulsi leaves home remedies) :-
    • तुलसी पत्ता मिला पानी पिने से शरीर की कई बीमारियो में फायेदा होता है. जो व्यक्ति रोज सुबह इस पानी का सेवन करता है उससे बीमारी हमेशा दूर रहती है.
    • जिन लोगो को चक्कर आने की समस्या है, उनको शहद और तुलसी के पत्तो का रस मिलाकर चाटना चाहिए. इससे चक्कर आना बंद हो जाता है.
    • पत्तो को सरसों के तेल में भुन लीजिये और इसमें लहसुन का रस मिलकर कान में डालने से कान का दर्द में आराम मिलता है.
    • पत्तो में एक विशेष तेल होता है जो कीटाणु युक्त वायु को शुद्ध करता है. तुलसी तेल ( Tulse oil ) से मलेरिया के कीटाणुओं का भी नाश होता है.
    • सुबह-सुबह खाली पेट तुलसी के पत्तो का रस और पानी लिया जाये तोह बाल मजबूत और स्मरण शक्ति में वृध्दि होती है.
    • इसमें एक विशिष्ट क्षार होता है. जिस व्यक्ति के मुह से दुर्गन्ध आती हो वह व्यक्ति यदि थोड़े बहुत पत्ते रोज खाए तो मुह की दुर्गन्ध दूर हो जाती है.
    • भोजन के बाद कुछ पत्ते खाने से भी स्वास्थ्य में वृध्दि होती है.
    • सफ़ेद तुलसी के पत्तो का सेवन से त्वचा , मॉस और हड्डियों के रोग दूर होते है.
    • काली तुलसी के पत्तो के सेवन से सफ़ेद दाग दूर होते है.
    • तुलसी के पत्तो की चाय पिने से बुखार , आलस , सुस्ती , थकावट और पित्त विकार दूर होती है. यह चाय भूख को बढाती है, उन लोगो के लिए भी लाभदायक है, जिनको भूख नहीं लगती.
    • पत्ते के रस और नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से काले दाग दूर होते है. चेहरे पर चमक और सुन्दरता आ जाती है.
    • जिन लोगो को खांसी या स्वांस संबंधित रोग है, उनको 3 ग्राम रस और एक चम्मच शहद मिलाकर लेने से लाभ होता है.
    • अगर आप अपने किडनी को स्वस्थ और उसकी कार्य क्षमता बढ़ाना चाहते है, तोह तुलसी के पत्ते रोजाना चबाये. ये आपकी खून में मौजूद कैलोस्ट्रोल को भी नियमित करती है.
    • रोजाना पत्ते खाने से एसिडिटी दूर होती है, और सर्दी , जुकाम, दस्त और उलटी में लाभ होता है. इसके नियमित सेवन से हार्टअटेक में भी लाभ मिलता है.
    • पीसी हुई कालीमिर्च, शहद और तुलसी रस मिलाकर 1-1 ग्राम की गोलिया बनाकर सुबह, दोपहर, शाम और रात को लेने से बुखार ठीक हो जाता है.
    • तुलसी के प्रयोग से खून साफ़ होता है, सुन्दरता बढती है, ब्लड प्रेशर, मानसिक रोग, पेट के कीड़े आदि में फायेदा करती है.
    तुलसी की पत्तियों से नुकसान (Side effects of basil leaves) :-
    तुलसी का एक अनूठा फायदा है कि इसे खाने से ज्यादा साइडइफ़ेक्ट नहीं होता है और आसानी से आपके घर में लग जाती है, जिसे आप जब चाहें उपयोग कर सकते है. लेकिन कुछ नुकसान होते हैं जो इस प्रकार हैं !

    • ऐसा पाया गया है कि तुलसी के अधिक सेवन से यूजोनोल की अधिक मात्रा हो जाती है, जोकि बहुत नुकसान पहुंचता है. यह कई हानिकारक चीजों जैसे सिगरेट आदि में पाया जाता है. इससे खांसी के दौरान खून, तेजी से श्वास और मूत्र में खून जैसी समस्या हो जाती है.
    • तुलसी खून को पतला करता है इसलिए इसे किसी अन्य दवा के साथ नहीं लेना चाहिए.

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